पटना: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस मंगलवार को खगड़िया पहुंचे. यहां उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित इस मौके पर बिहार सरकार पर हमलावर भी दिखे। उन्होंने इस दौरान भतीजे चिराग पासवान पर भी जमकर हमला बोला। इस दौरान उन्होंने विधानसभा चुनाव में सीटों को लेकर भी एलान कर दिया।
चिराग पासवान पर साधा निशाना
उन्होंने इशारे ही इशारे में अपने भतीजे चिराग पासवान (Chirag Paswan) पर भी निशाना साधा। कहा, कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनको 5 -5 सीटें मिली। बावजूद उनके सभी लोग भाग गए। संगठन हमारा मजबूत है। संगठन के लोगों को मैंने कहा कि एनडीए के ईमानदार सहयोगी दल के रूप में हम हैं। पशुपति पारस ने कहा कि आगामी दिनों में बिहार के 243 विधान सभा सीटों पर राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी को मजबूत करना हमारा प्रयास है। अगर NDA के साथ हमारा तालमेल हुआ, तो सभी सीटों पर हमारी पार्टी एनडीए की मजबूती के साथ समर्थन करेगी। अगर नहीं हुआ तो सभी 243 सीटों पर राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी खुद चुनाव लड़ेगी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लोकसभा चुनाव में हमारे साथ न्याय नहीं हुआ। हमारी पार्टी दलितों की पार्टी है, इसलिए हमें न्याय नहीं मिला। फिर भी मैं एनडीए गठबंधन के साथ था और हूं। उन्होंने कहा कि 31 जुलाई को हमने पटना में पार्टी की बैठक बुलाई। जिसमें बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। खुशी की बात है कि हमें लोकसभा चुनाव में एक भी सीट पर लड़ने का मौका नहीं मिला, फिर भी हमारे दल के लोग भागे नहीं।
पशुपति पारस ने अफसरशाही पर बोला हमला
पशुपति पारस ने अफसरशाही पर हमला बोलते हुए कहा कि बीते दिनों बिहार में दलितों के साथ तीन- चार जघन्य घटनाएं घटी है। जिसका दलित सेना विरोध करती है। पशुपति पारस (Pashupati Paras) ने कहा कि, ऐसा इसलिए हो रहा है कि बिहार में अफसरशाही है। प्रशासनिक चुप्पी के कारण दिन-प्रतिदिन बिहार में अपराध बढ़ रहा है। अपराधियों पर अंकुश नहीं है। उन्होंने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि पहले गलत करने वालों को त्वरित सजा मिलती थी। अब तो 40 वर्ष के बाद फैसला होता है, तब तक अभियुक्त ही मर जाता है। उन्होंने कहा कि मेरे हिसाब से कानून में संशोधन होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि एनडीए से हमारी नाराजगी थी, लेकिन राष्ट्रहित में हमने अपनी पार्टी को माइनस में कर एनडीए का समर्थन किया। आजादी के बाद देश को पहला ऐसा प्रधानमंत्री मिला है जो विश्व स्तर पर सर्वमान्य नेता हैं। लोकसभा चुनाव PMनरेन्द्र मोदी के व्यक्तित्व पर लड़ा गया था। उन्होंने कहा कि डा. आंबेडकर ने दलितों, पिछड़ी जातियों को आरक्षण देने का काम किया था। हम PM नरेन्द्र मोदी से मांग करते हैं कि भारत में आरक्षण की जो सुविधा दी गई है उसे संसद में पास कराकर संविधान के नवीं सूची में डाली जाए।
उन्होंने 21 अगस्त को बहुजन समाज द्वारा आयोजित भारत बंद का समर्थन किया है। उन्होंने पारिवारिक विवादों पर बोलते हुए कहा कि बाहर के लोगों से लड़ना आसान है, परिवार के लोगों से लड़ना बहुत मुश्किल हैं। इस मौके पर दलित सेना के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम कुमार दाहा, दलित सेना जिला अध्यक्ष बालकृष्ण पासवान, पूर्व मुखिया संजय यादव, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के जिला अध्यक्ष मु. मासूम, रवि कुमार, राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल, डा. रंजीत पासवान आदि मौजूद थे।
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