पटना: 3 अगस्त की रात राजीव नगर थाना क्षेत्र के रामनगरी मोड़ स्थित इंडियन हेल्थ फिटनेस जिम में चोरी का मामला गहराता जा रहा है. मामले में पुलिस के हाथ अब तक खाली हैं. राजीव नगर थाना पुलिस ने अपनी पीठ थपथपाते हुए 10 घंटे में इंद्रपुरी इलाके में अर्ध निर्मित बाउंड्री के अंदर झोपड़ी में छिपाकर रखे गए जिम के सामानों को बरामद कर लिया और पिकअप से ढो कर थाने लाई. ये 4 अगस्त की बात है, पटना पुलिस कितना तेजी से काम करती है. 3 अगस्त की रात जिम में चोरी होती है और पुलिस 4 अगस्त को 10 घंटे के अंदर जिम का सामान बरामद कर लेती है. लेकिन मामले में ना तो किसी की गिरफ्तारी होती है और ना ही जिम से सामान ले जाने वाले ट्रक की जब्ती होती है।

पुलिस की कार्यशैली पर सवाल!

पटना पुलिस की बात ही क्या, हत्या, डकैती, लूट, मारपीट के मामले इतनी जल्दी सुलझा लेती है कि इससे दिल्ली और मुंबई की पुलिस को ट्रेनिंग लेने की जरूरत है. जिम में चोरी मामले में ऐसा ही लगता है. लेकिन राजीव नगर थाने की पुलिस के एक्शन से ही पता चल जाता है कि कितनी अनप्रोफेशनल तरीके से काम करती है . पुलिस ने जिम से सामान चोरी मामले में कई तथ्यों की अनदेखी की. केस के आईओ पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

1. केस के आईओ दीपंकर घोष ने किस इनपुट पर झोपड़ी से सामान बरामद की.  तथाकथित जिम का स्टाफ मो.नौशाद उर्फ छोटू ने जिम का सामान चोरी नहीं होने का दावा किया, तो खंडहरनुमा झोपड़ी में सामान कैसे पहुंचा. पुलिस ने और केस के आईओ ने इन तथ्यों को ठीक से नहीं देखा.

2. दूसरी बात ये सामने आ रही है कि मकान मालिक सुनील कुमार बरनवाल ने मो. नौशाद उर्फ छोटू को मकान का एग्रीमेंट कर भाड़े पर देने की बात की है, तो जैसा कि दावा किया गया है कि जिम के मालिक अमर प्रताप सिंह ने अपने अकाउंट से मकान मालिक सुनील कुमार बरनवाल को भाड़ा चुकाया है, ऐसे में पुलिस ने जिम मालिक अमर प्रताप सिंह के दावे को खारिज कैसे किया कि पार्टनरशिप की लड़ाई है.

3. अगर थोड़ी देर के लिए मान भी लिया जाए कि पार्टनरशिप की लड़ाई है, तो पुलिस इसका फैसला कैसे कर सकती है, पुलिस को सिर्फ चोरी के मामले का अनुसंधान और कार्रवाई करनी थी, लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया और पुलिस मामले की लीपापोती में लगी है.

4. थोड़ी देर के लिए अगर मान भी लिया जाए कि जिम का मालिक मो.नौशाद उर्फ छोटू है, तो उसने अपने ही जिम का सामान लावारिस हालत में झोपड़ी में कैसे रखा और झोपड़ी में रखने को किसने कहा. फिर 4 अगस्त की सुबह जिम खोलने क्यूं गया और जिम में ताला बंद होने की बात पर पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी. FIR  दर्ज होने के बाद पुलिस बिना सुराग झोपड़ी में सामान के लिए कैसे पहुंची.

5. वहीं पुलिस ने जिम से रात में सामान ढोने वाले ट्रक की जब्ती और लेबर की गिरफ्तारी सुनिश्चित क्यों नहीं की, जिससे पता चल जाता कि जिम को जानबूझकर ख़ाली किया गया है या रात में चोरी हुई है. इससे राजीव नगर थाना पुलिस पर मिलीभगत के आरोपों को बल मिलता है. और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं.

6. जिम में चोरी मामले में पीड़ित अमर प्रताप सिंह ने इस तरह की घटना की आशंका को देखते हुए राजीव नगर थाना पुलिस को सूचना दी थी, लेकिन पुलिस ने इस मामले को सीरियसली नहीं लिया,  साथ ही पीड़ित ने व्यवहार न्यायालय पटना में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के यहां परिवाद पत्र दाखिल किया है लेकिन पुलिस मामले को सीरियसली नहीं ले रही है.

घटनाक्रम:
आपको बता दें कि पटना के राजीव नगर थाना क्षेत्र के रामनगरी मोड़ के सागर कॉप्लेक्स के दूसरी मंजिल पर इंडियन हेल्थ फिटनेस जिम में 3 अगस्त की देर रात चोरी हो गई थी . चोरों ने जिम का लगभग 23 लाख का सामान सहित 97 हजार की नगदी चोरी कर ली. पीड़ित जिम मलिक अमर प्रताप सिंह ने 4 अगस्त की सुबह चोरी कि रिपोर्ट राजीव नगर थाने में दर्ज कराई. लेकिन मामले में केस के आईओ की लापरवाही सामने आ रही है. पुलिस पर मकान मालिक सुनील कुमार बरनवाल से मिलीभगत के आरोप लग रहे हैं।

चोर कितने शातिर थे कि ट्रक पर लोड कर जिम का सारा सामान ले गए, या उनकी मिलीभगत थी कि मकान के दूसरे मंजिल से जिम का भारी सामान ट्रक में लोड कर ले गए।  पहली मंजिल पर मकान मालिक अपने परिवार के साथ रहते हैं और ग्राउंड फ्लोर पर मकान मालिक का ज्वेलरी का दुकान है,  लेकिन चोरों की नजर सिर्फ जिम पर थी,  और मकान मालिक को भनक तक नहीं लगी।  अब वही हुआ जो होना था जिम मलिक ने 112 डायल कॉल सेंटर पर कॉल किया और सूचना दी और राजीव नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई।

वहीं, पूरे मामले को लेकर पीड़ित ने पटना एसएसपी के साथ ही पटना रेंज की डीआईजी गरिमा मलिक से भी निष्पक्ष जांच की मांग की है। अब देखना है कि पीड़ित को कब तक इंसाफ मिलेगा, क्योंकि राजीव नगर थाना पुलिस पीड़ित को ही दोषी ठहराने पर तुली हुई है। पुलिस ने जिम और आसपास लगे सीसीटीवी को नहीं खंगाला।  इसलिए पुलिस पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. जिम मालिक ने मकान मालिक पर पुलिस से मिलीभगत कर जिम में चोरी कराने का आरोप लगाया है।

वहीं बताया जा रहा है कि मकान मालिक और जिम मलिक के बीच मकान खाली करने को लेकर विवाद चल रहा था, मकान मालिक ने जिम के स्टाफ को अपनी तरफ मिलाकर चोरी की इस घटना को अंजाम दिया है,  जिम मालिक ने मकान मालिक सुनील कुमार बरनवाल और उसके दो बेटों पर साजिश कर चोरी कराने  का आरोप लगाया  है।

पीड़ित ने राजीव नगर थाना कांड संख्या 441/2024 दर्ज कराया है. लेकिन केस के आईओ पर मकान मालिक से मिलीभगत का  आरोप लग रहा है, क्योंकि पुलिस ने चोरी की घटना में कई तथ्यों को नजरअंदाज किया है. जिम से सामान ले जाने वाले गाड़ी की जब्ती नहीं हुई है,  चोरी में शामिल एक भी चोर गिरफ्तार नहीं हुए हैं, सामान जहां से बरामद हुआ वहां तक सामान कैसे पहुंचा,  इन सब तथ्यों को पुलिस ने छोड़ दिया है।

बहरहाल, चोरी की बड़ी वारदात के बाद राजीव नगर थाना पुलिस सामान बरामद कर अपनी पीठ थपथपा रही है, लेकिन पीड़ित के सवालों पर पुलिस के पास कोई जवाब नहीं है. पटना पुलिस ऐसे ही कारनामें करती है,  क्योंकि पटना और बिहार में सुशासन की सरकार है सुशासन की सरकार में  किसी के पास कोई जवाब नहीं है. इंसाफ की गुहार लगाते रहिए।

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