रांची/झारखंड: झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र हंगामेदार रहा. लगातार हो रहे हंगामे के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा नहीं हो पाई. ऐसे में विधानसभा स्पीकर ने यह कहते हुए कार्यवाही रोक दी कि विपक्षी दल नहीं चाहते कि संसद सुचारू रूप से चले. पांचवें दिन की शुरुआत भी हंगामेदार रही. विपक्षी विधायकों ने धरना दिया.
वहीं कार्यवाही शुरू होने से पहले ही वेल में बैठ गए. स्पीकर ने नियमों का हवाला देते हुए 18 विधायकों को कार्यवाही से शुक्रवार दोपहर 2 बजे तक के लिए निलंबित कर दिया. वहीं इस कार्रवाई के बाद नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि राज्य में अघोषित इमरजेंसी है. स्पीकर ने मर्यादा का हनन किया है. लोकतंत्र की हत्या दिनदहाड़े स्पीकर ने की है.
वहीं बता दें झारखंड विधानसभा में मानसून सत्र का 4 दिन भी हंगामेदार रहा था. विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा था. इसी दौरान नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने सरकार से विभीन्न मुद्दों को लेकर सरकार से सवाल पूछा. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सीएम ने कहा था कि विपक्ष की जो भी राज्य से जुड़े विषय होगें जिसमें पारा शिक्षकों, साहयक पुलिस कर्मियों, मनरेगा कर्मी, रसोइया, एएनएम, जेएनएम, होम गार्ड, आंगनबाड़ी सभी अनुबंद कर्मी, साथ ही पांच लाख युवाओं को रोजगार का विषय, साथ ही रोजगार भत्ता देने की बात की गई थी. सरकार ने सारे विषय वायदे के साथ लाने का काम किया था. सीएम ने कहा था कि मै बोलूंगा. लेकिन यह विधानसभा का आखरी सत्र है. लेकिन सीएम इस सत्र के आखरी दिन बोलेंगे औऱ बोल कर के चले जाएंगे.
तो जनता के जवाब का प्रत्युत्तर देना का कोई नियमावली हमारे पास नहीं है. इस लिए विपक्ष ने तय किया है कि सीएम आज ही इन सवालों का जवाब दे. सीबीआई जांच कराए और जब तक सीएम नहीं बोलेंगे तब तक विपक्ष सदन छोड़ कर जाने वाले नहीं है. झारखंड में युवाओं के भविष्य के साथ जुड़ा हुआ विषय झारखंड के तमाम लोगों के भविष्य के साथ जुड़ा हुआ विषय अगर इस पर जवाब नहीं मिलता है, तो चाहे आज रात रुकना ही क्यों ना पड़ जाए. विपक्ष सदन छोड़ कर जाने वाली नहीं है. जिसके बाद विपक्ष ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया. इसे देखते हुए विधानसभा के अध्यक्ष रबिन्द्र नाथ महतो ने विधानसभा का कार्यकाल 1 अगस्त सुबह 11 बजे तक के लिए सदन का कार्यवाही स्थगित कर दी थी.
ALSO READ
            



































