नई दिल्लीः एडीआर की रिपोर्ट में लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा दावा किया गया है. दावा किया गया है कि लोकसभा चुनाव में 538 सीटों पर डाले गए और गिने गए वोटों की संख्या में अंतर है. एडीआर के संस्थापक प्रोफेसर जगदीप छोकर ने कहा कि 362 सीटों पर कुल पड़े वोटों से 5,54,598 वोट कम गिने गए, जबकि 176 सीटों पर 35,000 (93) वोट ज्यादा गिने गए. एडीआर के इस दावे से देश की सियासत में भूचाल आने की आशंका जताई जा रही है।
एडीआर के संस्थापक प्रो. जगदीप छोकर की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में डाले गए कुल मतों और गिने गए मतों की संख्या में बड़ा फर्क है। एडीआर ने चुनाव में गड़बड़ी पर चिंता जाहिर की है। कहा गया है कि चुनाव आयोग ने मतगणना का आखिरी डेटा अभी तक जारी नहीं किया है। उन्होंने कहा है कि आयोग वोट में अंतर पर जवाब देने में असमर्थ है कि मत प्रतिशत में वृद्धि कैसे हुई। प्रो. जगदीप छोकर की रिपोर्ट में कहा गया है कि सूरत संसदीय सीट पर कोई मुकाबला नहीं था। इसके अलावा अमरेली, अत्तिंगल, लक्षद्वीप और दादरा हवेली एवं दमन दीव को छोड़कर 538 संसदीय क्षेत्रों में डाले गए वोट और गिने गए वोट में काफी विसंगती है।
जानकारी के लिए बता दें, चुनाव आयोग ने 7 जून को लोकसभा चुनाव 2024 का फाइनल आंकड़ा जारी किया था, जिसमें कुल मिलाकर 65.79 प्रतिशत वोटिंग की बात कही गई थी। एडीआर के संस्थापक के इस दावे के बाद देश में बड़ा सियासी संग्राम छिड़ने की आशंका है।
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