पटना: केंद्र सरकार ने बिहार में विशेष दर्जे की मांग को सख्ती से खारिज कर दिया. मानसून सत्र के पहले दिन लोकसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता.उसके बाद अब इस मामले में बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने इशारों ही इशारों में बड़ी बात कही है। सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि – सब कुछ धीरे -धीरे जानिएगा ?
बता दें सोमवार को लोकसभा में मानसून सत्र के पहले दिन एक लिखित पत्र का जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा, अतीत में नेशनल डेवलेपमेंट काउंसिल ने कुछ राज्यों को स्पेशल कैटेगरी का दर्जा दिया था। उन राज्यों में कई विशेषताएं थीं जिन पर खास विचार करने की जरूरत थी। इससे पहले JDU नेता रामप्रीत मंडल ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने को लेकर वित्त मंत्रालय को चिट्ठी लिखी थी। उसके बाद यह जवाब दिया गया।
“अरे भाई सब कुछ आप लोग धीरे -धीरे जान जाइएगा”
वहीं, अब आज बिहार विधानसभा मानसून सत्र के दूसरे दिन जब CM नीतीश कुमार सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने पहुंचे तो मीडिया ने जब उनसे सवाल किया की विशेष राज्य के दर्जें की मांग को केंद्र ने खारिज कर दिया है। इसके बाद अब आपका क्या कदम होगा तो इसके जवाब में CM नीतीश ने मुस्कुराते हुए कहा कि – “अरे भाई सब कुछ आप लोग धीरे -धीरे जान जाइएगा”।
क्यों दिया जाता है विशेष राज्य दर्जा?
आर्थिक, सामाजिक और भौगोलिक रूप से पिछड़े देशों को विशेष राज्य दर्जा दिया जाता है। राज्य को विशेष दर्जा देने पर पहली बार 1969 में एनडीसी बैठक में चर्चा हुई थी। डी आर गाडगिल समिति ने राज्यों को पैसा देने का एक फॉर्मूला पेश किया। एनडीसी ने इस फॉर्मूले को मंजूरी दे दी।
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