पटना: बिहार के प्राइमरी स्कूलों के 65 लाख बच्चे भाषा और गणित कौशल हासिल करेंगे। इस उद्देश्य से, शिक्षा मंत्रालय निपुण बिहार योजना को लागू करने के लिए स्कूल स्तर पर एक अभियान चलाएगा। इस योजना के तहत 2 लाख शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है। ये शिक्षक बच्चों को भाषा और गणित कौशल सिखाने का काम करेंगे। बच्चों में विद्यालय के प्रति ललक पैदा करने के लिए अभिभावकों को जागरूक किया जाएगा। कक्षा 1-3 के बच्चों को भाषा, गणित और अंग्रेजी की कार्यपुस्तिकाएँ भी प्रदान की जाएंगी। लक्ष्य यह है कि 2026-27 तक 100 प्रतिशत बच्चों में सार्वभौमिक बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान प्राप्त करने के लिए भाषा और गणित का समुचित ज्ञान हो।
क्या है सरकार की योजना?
प्राथमिक शिक्षा निदेशालय के मुताबिक, राज्य के सरकारी स्कूलों में पहली से पांचवीं कक्षा तक में लिखने-पढ़ने की आदत विकसित की जा रही है। बच्चों को स्कूल बैग, कॉपी, कलम, पानी की बोतल एवं कंपास दिए जा रहे हैं। निपुण बिहार योजना के तहत बच्चों को भाषा, गणित एवं अंग्रेजी की अभ्यास पुस्तिकाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। पहली कक्षा में नामांकित बच्चे स्कूल जाने के लिए तत्पर रहें, इसके लिए अभियान चलाए जा रहे हैं।
ये है सरकार का उद्देश्य
इसका उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप बुनियादी पढ़ने, लिखने और संख्यात्मक कौशल में बच्चों की शिक्षा के बुनियादी स्तर को मजबूत करना है। इसके मद्देनजर बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान पर राष्ट्रीय मिशन निपुण भारत की शुरुआत हुई। इसका उद्देश्य बच्चों को स्वच्छता और स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद करना है। बच्चों के समग्र शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक विकास के लिए शुरुआती वर्ष बेहद महत्वपूर्ण हैं। इसके लिए यह में सुनिश्चित किया जा रहा है कि बच्चों का स्वास्थ्य अच्छा रहे। उनमें सामाजिक-भावनात्मक विकास हो। उनका पोषण हो। उनमें स्वच्छ आदतें विकसित हों।
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