नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से एक दिन पहले राजधानी की राजनीति में भूचाल आ गया है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर विधायकों को खरीदने की कोशिश करने का गंभीर आरोप लगाया है।

पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय सिंह ने दावा किया कि बीजेपी नेताओं ने उनके प्रत्याशियों को 15-15 करोड़ रुपये की पेशकश की है ताकि वे पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो जाएं।

इस आरोप के बाद मामला तूल पकड़ने लगा, और दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने इस पूरे मामले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) को सौंप दी। इसके तहत शुक्रवार को ACB की टीम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर पहुंची, लेकिन उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं मिली।

ACB की टीम केजरीवाल के घर के बाहर बैठी, नहीं मिली एंट्री

शुक्रवार दोपहर करीब 2 बजे ACB की एक टीम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास कोठी नंबर 5, फिरोजशाह रोड पर पहुंची। टीम का उद्देश्य इस मामले में केजरीवाल से पूछताछ करना था, लेकिन कानूनी नोटिस के बिना आने के कारण उन्हें अंदर जाने की इजाजत नहीं दी गई।

अरविंद केजरीवाल के वकीलों ने ACB की टीम से पूछताछ के लिए लीगल नोटिस मांगा, जो उनके पास मौजूद नहीं था। इस कारण एसीबी की टीम मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं कर पाई और बाहर ही बैठी रही। वहीं, आम आदमी पार्टी के कई वरिष्ठ नेता और केजरीवाल के वकील उनके आवास पर मौजूद रहे।

संजय सिंह पहुंचे ACB दफ्तर, दिए सबूत

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह, जिन्होंने सबसे पहले बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया था, खुद शुक्रवार को ACB दफ्तर पहुंचे। उन्होंने उन मोबाइल नंबरों की जानकारी दी, जिनसे कथित तौर पर पार्टी के प्रत्याशियों को कॉल किए गए थे।संजय सिंह ने कहा, “हमने एक फोन नंबर का खुलासा किया है और हम ACB में शिकायत दर्ज कराने आए हैं। लेकिन ACB कार्रवाई करने की बजाय केवल ड्रामा कर रही है। अगर जांच निष्पक्ष तरीके से की जाएगी, तो सारी सच्चाई सामने आ जाएगी।”

आम आदमी पार्टी के आरोप और केजरीवाल की प्रतिक्रिया

आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस पूरे मामले पर एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,”कुछ सर्वे एजेंसियां दिखा रही हैं कि हमारी पार्टी को 55 से ज्यादा सीटें मिल रही हैं। लेकिन पिछले दो घंटे में हमारे 16 उम्मीदवारों को फोन आए हैं कि ‘AAP छोड़कर बीजेपी में आ जाओ, मंत्री बना देंगे और 15 करोड़ देंगे।’ अगर उनकी पार्टी को 55 से ज्यादा सीटें आ रही हैं, तो फिर हमारे उम्मीदवारों को खरीदने की जरूरत क्यों पड़ रही है? जाहिर तौर पर यह एक सोची-समझी साजिश है, लेकिन हमारा एक भी उम्मीदवार नहीं टूटेगा।”

इसके अलावा, केजरीवाल ने पार्टी के सभी 70 उम्मीदवारों की एक बैठक भी बुलाई, जिसमें चुनावी रणनीति और मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा की गई।

भाजपा का पलटवार, उपराज्यपाल से की शिकायत

दूसरी ओर, बीजेपी ने आम आदमी पार्टी के इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। दिल्ली बीजेपी के प्रदेश महासचिव विष्णु मित्तल ने उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना को पत्र लिखकर आम आदमी पार्टी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। उन्होंने इस पूरे मामले की जांच करने और एसीबी को FIR दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की।

बीजेपी का कहना है कि आम आदमी पार्टी के नेताओं ने यह झूठे आरोप केवल चुनावी माहौल को भटकाने के लिए लगाए हैं। बीजेपी ने सवाल उठाया कि यदि AAP के पास सबूत हैं, तो वे उन्हें सार्वजनिक क्यों नहीं कर रहे?

बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर लगाए जवाबी आरोप

बीजेपी नेताओं का कहना है कि आम आदमी पार्टी हार के डर से बौखला गई है और अब झूठे आरोप लगा रही है। विष्णु मित्तल ने अपने पत्र में लिखा,”अगर AAP के पास यह साबित करने के लिए सबूत हैं कि उनके विधायकों को खरीदने के लिए कॉल किए गए, तो उन्हें सार्वजनिक करें। बिना सबूत के ऐसे झूठे दावे करना केवल जनता को गुमराह करने की साजिश है।”

चुनाव परिणाम से पहले बढ़ा सियासी घमासान

दिल्ली विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद अब सभी दलों की नजरें चुनाव परिणामों पर टिकी हैं। लेकिन परिणाम घोषित होने से पहले इस तरह के आरोप-प्रत्यारोप से माहौल गरमा गया है।AAP का दावा है कि बीजेपी उन्हें कमजोर करने के लिए उनके विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही है, जबकि बीजेपी इसे “AAP की हार की हताशा” बता रही है। इस पूरे विवाद के बीच दिल्ली के उपराज्यपाल और ACB की भूमिका भी अहम हो गई है।

क्या होगा आगे?

अब सवाल यह उठता है कि ACB इस मामले में आगे क्या कदम उठाएगी? क्या अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी इस मामले में और ठोस सबूत पेश करेगी? क्या बीजेपी पर लगे ये आरोप साबित होंगे या यह सिर्फ एक राजनीतिक बयानबाजी बनकर रह जाएगी?

इस पूरे घटनाक्रम के चलते दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है। चुनाव परिणाम आने के बाद ही साफ होगा कि इस विवाद का क्या असर चुनावी नतीजों पर पड़ेगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here