रांची/झारखंड: आजसू पार्टी ने 2024 के विधानसभा चुनाव के लिए अपने संकल्प पत्र को शुक्रवार, 8 नवंबर को जारी किया। इस अवसर पर पार्टी सुप्रीमो सुदेश महतो और सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने आजसू के चुनावी वादों को स्पष्ट किया। पार्टी ने संकल्प पत्र में सरना धर्म कोड की मांग के साथ-साथ अंतिम सर्वे खतियान आधारित स्थानीय नीति बनाने का वादा किया है।आजसू के संकल्प पत्र के आवरण पर सुदेश महतो की तस्वीर के साथ “अबकी बार रोजगार देनेवाली सरकार” का नारा लिखा है। पार्टी ने राज्य की जनता को 30 गारंटी दी हैं, जिनमें महिलाओं को 2500 रुपये प्रति माह नारी सम्मान योजना के तहत देने का वादा प्रमुख है।

आजसू के संकल्प पत्र की प्रमुख बातें

– हर परिवार को प्रति वर्ष न्यूनतम 1 लाख 21 हजार रुपये की आय सुनिश्चित की जाएगी।

– बीपीएल परिवारों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली मिलेगी।

– इंटर्नशिप के लिए 6 हजार से लेकर 25 हजार रुपये तक की राशि दी जाएगी।

– निर्मल महतो युवा निर्माण योजना के तहत बेरोजगार स्नातकों और स्नातकोत्तर छात्रों को 30 हजार रुपये सालाना।

– नारी सम्मान योजना के तहत महिलाओं को 2500 रुपये की मासिक सहायता।

– किसानों को मुफ्त पानी और बिजली मुहैया कराई जाएगी।

– वृद्ध, विधवा और दिव्यांगों को 2500 रुपये पेंशन।

– झारखंड आंदोलन के शहीदों के परिवारों को 10 हजार रुपये प्रति माह।

– भूमिहीन खेतिहर परिवारों को 25 हजार रुपये।

– कमजोर किसान परिवारों को प्रति वर्ष 12 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी।

आजसू की मुख्य गारंटियां

– सरना धर्म कोड को आधिकारिक मान्यता दी जाएगी।

– पेसा कानून को कड़ाई से लागू किया जाएगा।

– अंतिम सर्वे खतियान आधारित स्थानीय नीति बनाई जाएगी।

– पिछड़ों को उनकी आबादी के हिसाब से आरक्षण मिलेगा।

– भूमिहीनों को जमीन दी जाएगी।

– प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में उद्योगों की स्थापना होगी।

– हर रैयत को लैंड पासबुक मिलेगा।

रोजगार से सुशासन तक का संकल्प

आजसू ने संकल्प पत्र में राज्य की जनता से 9 प्रमुख वादों को पूरा करने का वादा किया है। इनमें युवा सरकार, रोजगार, महिला अधिकार, खुशहाल परिवार, किसानों की आय में सुधार, सामाजिक न्याय, आर्थिक समानता, शिक्षा और स्वास्थ्य, पर्यटन एवं खेलकूद, और झारखंडी भाषा, संस्कृति और विरासत की रक्षा शामिल हैं।

सुदेश महतो का दावा

सुदेश महतो ने कहा कि जिन आंतरिक संसाधनों का शोषण हो रहा है, हम उन संसाधनों से सभी वादों को पूरा करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए धरती योजना के तहत म्यूटेशन सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही, झारखंडी भाषाओं, जैसे हो, मुंडारी और कुड़माली को आठवीं अनुसूची में शामिल करने का प्रयास किया जाएगा। इसके अलावा, झारखंडी कला और संस्कृति के कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, और झारखंड आंदोलनकारियों को हर महीने 10 हजार रुपये सम्मान राशि दी जाएगी।

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