रांची/झारखंड: झारखंड में दूसरी बार महागठबंधन की सरकार बनाने और एनडीए को सत्ता से दूर रखने के लिए महागठबंधन में शामिल सभी दल राज्य में भारतीय ब्लॉक कुनबा की संख्या बढ़ाने की बात कर रहे हैं. सीपीआई माले के विधायक विनोद कुमार सिंह ने भी कहा कि वह भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए INDIA ब्लॉक के तहत विधानसभा चुनाव लड़ने को इच्छुक है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि 81 विधानसभा सीट वाली झारखंड विधानसभा में महागठबंधन के दल झामुमो, कांग्रेस और राजद अपने अपने कोटे की सीट त्यागने को तैयार हैं.
झारखंड विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ा सवाल यह होगा कि क्या झामुमो 2019 में लड़ी गई 43 विधानसभा सीटों से कम सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए सहमत होगा। या 2019 में 31 विधानसभा सीट पर लड़ी कांग्रेस पार्टी इससे कम सीट पर राजी हो जाएगी. सबसे अहम सवाल यह कि 22 विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने का मन बना चुका राजद 2019 में मिले 07 विधानसभा सीट से भी कम पर तैयार हो पाएगा. इन सवालों पर राज्य में महागठबंधन और INDIA ब्लॉक का भविष्य तय करता है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि इंडिया ब्लॉक की बैठक में तय होगा कि विधानसभा चुनाव में कौन कितनी सीटें जीतेगा. लेकिन कार्यकर्ताओं का दबाव और हकीकत बताती है कि झामुमो को अधिक सीटों के साथ चुनाव में उतरना चाहिए. विधानसभा चुनाव में 2019 की अपेक्षा कम सीट पर चुनाव लड़ने को लेकर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता जगदीश साहू कहते हैं कि कुनबा बढ़े यह तो सभी चाहते हैं.
लेकिन जहां तक सीट त्यागने की बात है तो कांग्रेस तो पहले से कम सीट पर चुनाव लड़ती है, ऐसे में जो दल ज्यादा सीट पर चुनाव लड़ता है वह त्याग करे. वहीं, झारखंड राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपाध्यक्ष राजेश यादव ने कहा कि 2019 में तत्कालीन रघुवर दास के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को सत्ता में आने से रोकने के लिए पार्टी सिर्फ 07 सीट पर चुनाव लड़ने को राजी हो गयी थी. लेकिन हर बार ऐसा नहीं होगा.
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